क्या आप भी अपने Share Market में इन्वेस्टिंग की यात्रा अभी शुरू कर रहे हैं और Equity Meaning in Hindi की सभी जानकारी आसान भाषा में जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है।
बहुत सारे लोगों को Equity क्या है? कैसे काम करता है? कैसे खरीदें? इन सभी सवालों का जवाब इन्हें नहीं पता होता है, इसलिए आपको इसके बारे में बताने के लिए मैंने आसान उदाहरण भी दिया है।
तो चलिए बिना देर किये हम यह समझते हैं की Equity Meaning in share market in Hindi वो भी आसान भाषा में।
शेयर मार्किट में Equity क्या होता है? – Equity Meaning in Share Market in Hindi
आप जब शेयर मार्किट में कुछ भी इन्वेस्ट करते हैं तो आप उस कंपनी के कुछ शेयर को खरीदते हैं यानी हिस्सेदारी उसी को “Equity” कहते हैं।
मान लो 2 लोग एक कंपनी को शुरू करते हैं और उस कंपनी को शुरू करने के लिए 10 लाख रूपये की जरुरत पड़ती है और दोनों ने 4-4 लाख रूपये उस कंपनी में लगाए हैं और 2 लाख रुपये का लोन लेते हैं और अपनी कंपनी को शुरू करते हैं।
कंपनी की कुल कीमत 10 लाख रुपये है और उसमे दो व्यक्तियों ने 4-4 लाख रूपये लगाए हैं और 2 लाख का लोन लिया है यानी :
8 लाख + 2 लाख = 10 लाख
शेयर (Equity) + लोन (Debt) = Asset
इसका मतलब यह हुआ की कंपनी में दोनों व्यक्ति की हिस्सेदारी 40-40% है जिसे equity कहते हैं और और 20% का लोन है जिसे liability भी कहते हैं।
अगर आसान भाषा में कहूं तो जो भी पैसे हम हमारी तरफ से किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं उसे Equity कहा जाता है और इसे ही capital भी कहते हैं।
तो अगर हम ऊपर बताये गए उदाहरण से समझें तो 10 लाख में से 80% Equity का पैसा लगा है और 20% लोन यानी Debt वाला पैसा लगा है।
इसी तरिके से आप जब भी किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं उसे भी Equity कहा जाता है क्यूंकि आपने उस कंपनी के कुछ हिस्सेदारी को खरीदा है।
तो चलिए अभी यह भी समझते हैं की Equity कितने प्रकार के होते हैं।
Equity कितने प्रकार के होते हैं?
रिस्क और रिवॉर्ड के हिसाब से Equity कई प्रकार के होते हैं जिसे निचे बताया गया है।
1) शेयर
जब आप किसी कंपनी के शेयर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज जैसे की BSE या NSE का इस्तेमाल करके खरीदते हैं तो आप उस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदते हैं जिसे Equity कहा जाता है।
2) Equity Mutual Fund
म्यूच्यूअल फण्ड में कई सारे कंपनियों में थोड़े थोड़े पैसे को इन्वेस्ट करती हैं और जो पैसे वे कंपनी में इन्वेस्ट करती हैं उसे Equity कहा जाता है।
Market Capitalization के आधार पर Equity Mutual Fund के 4 प्रकार हैं :
- Large Cap Equity Fund
- Mid Cap Equity Fund
- Small Cap Equity Fund
- Multi-Cap Equity Fund
3) Equity Futures
जब आप किसी कंपनी के शेयर के भविष्य पर दावं लगाकर खरीदते हैं तो उसे Equity Futures कहा जाता है।
4) Equity Options
जब आपके पास किसी भी ऑप्शन को खरीदने और बेचने का हक पूरा आपके पास होता है किसी पहले से निर्धारित डेट और प्राइस पर तो उसे Equity Option कहते हैं।
5) Arbitrage Scheme
इस तरह के equity में आप एक ही समय शेयर को खरीदते हैं और उसी समय शेयर को बेचते हैं जैसे की Futures ट्रेडिंग में।
6) Alternative Investment Funds
जब आप Hedge Funds, Private Equity, Managed Future, और Venture Capital जैसे फण्ड में इन्वेस्ट करते हैं तो उसे Alternative Investment Funds कहते हैं।
Equity Shares के क्या फायदे हैं?
अगर आप Equity में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको उसके कुछ फायदे भी मिलेंगे जिसे आप निचे देख सकते हैं।
उच्च रिटर्न
इक्विटी शेयरों में निवेश करने से निवेशकों को उच्च रिटर्न मिलता है। शेयरधारकों के पास न केवल dividents आय के माध्यम से बल्कि जब आपके पैसे बढ़ते हैं तो भी आपको अच्छा return मिलता है।
महंगाई के खिलाफ बचाव
जब कोई व्यक्ति equity शेयरों में निवेश करता है, तो उसके पास उच्च रिटर्न अर्जित करने की क्षमता होती है। आपको इक्विटी में इन्वेस्ट करके जो return मिलता है वह महंगाई के दर से अधिक होता हो। इस प्रकार, इक्विटी शेयरों में निवेश महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में कार्य करता है।
निवेश में आसानी
शेयरों में निवेश करना आसान है। निवेशक किसी देश में विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर या वित्तीय योजनाकार की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
निवेश पोर्टफोलियो का विविधीकरण
जब आप इक्विटी में निवेश करते हैं तो आपके पास निवेश के कई सारे बिकल्प मौजूद होते हैं जिससे आप अपने निवेश में विविधीकरण ला सकते हैं।
Equity Shares के नुकसान क्या हैं?
फायदे के साथ साथ इसके कुछ नुकसान भी है जिसे निचे बताया गया है।
उच्च बाजार जोखिम
इक्विटी शेयरों में निवेश से रिटर्न मिल सकता है लेकिन इसमें जोखिम भी उतना ही अधिक होता है।
प्रदर्शन संबंधी जोखिम
कई बार ऐसा भी होता है की आप जिस भी इक्विटी में इन्वेस्ट करते हैं वह आपके हिसाब से नहीं चलता है वह ऊपर निचे होते रहता है।
महंगाई का खतरा
महंगाई के कारण एक कंपनी का मूल्य कम हो सकता है और बाद में, उसके शेयर संभावित रिटर्न उत्पन्न नहीं कर सकते हैं।
लिक्विडिटी जोखिम
तरलता जोखिम के कारण, निवेशकों को अपने शेयरों को उसके उचित बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर बेचना पड़ सकता है।
Equity Market क्या होता है?
शेयर मार्किट को ही इक्विटी मार्किट भी कहा जाता है, जब भी आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं तो आप उस कंपनी में एक हिस्सा खरीदते हैं जिसे इक्विटी भी कहा जाता है।
जब भी कंपनी अपने इक्विटी या शेयर को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करती है तो इक्विटी को स्टॉक एक्सचेंज का इस्तेमाल करके आसानी से खरीद सकते हैं।
इक्विटी ट्रेडिंग क्या होता है?
जब कोई ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर की ट्रेडिंग करता है तो इसे इक्विटी ट्रेडिंग कहा जाता है। इक्विटी ट्रेडिंग मुख्य रूप से स्पॉट मार्किट और फ्यूचर मार्किट में ही होता है।
इक्विटी और शेयर में क्या अंतर् है?
जी नहीं, इक्विटी और ट्रेडिंग में कोई अंतर् नहीं है दोनों एक ही चीज है। आप जब भी किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो उसे इक्विटी ही कहा जाता है।
डेब्ट फण्ड और इक्विटी फण्ड में क्या अंतर है?
जब आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते हैं और वह म्यूच्यूअल फण्ड शेयर मार्किट में लिस्टेड कंपनियों में इन्वेस्ट करता है तो इसे इक्विटी फण्ड कहते हैं।
जब आप अपना पैसा किसी डेब्ट फण्ड जैसे की कंपनी के बॉन्ड, गवरमेंट बॉन्ड, और प्राइवेट बॉन्ड में इनवस्ट करते हैं तो उसे डेब्ट फण्ड कहा जाता है।
एक कंपनी में इक्विटी कितने लोगों की हो सकती है?
किसी भी कंपनी में इक्विटी दो प्रकार के लोगों की हो सकती है :
- कंपनी के शेयरधारक और इन्वेस्टर्स
- कंपनी के प्रमोटर्स
कंपनी के शेयर धारक कौन होते हैं?
जो भी व्यक्ति कंपनी के शेयर को खरीदता है और उसमें इन्वेस्ट करता है उन्हें कंपनी के शेयरधारक कहते हैं।
जैसे की कोई रिटेल निवेशक, म्यूच्यूअल फण्ड, और कंपनी इन्हें कंपनी के शेयरधारक या निवेशक कहा जाता है।
जिस शेयरधारक की कंपनी में जितना अधिक शेयर होगा उसके पास कंपनी की सबसे अधिक ownership होती है।
उदाहरण के लिए किसी कंपनी के पास कुल 100 शेयर हैं और उसमें से 60% शेयर सिर्फ आपके पास हैं और बाकी 40% शेयर अन्य निवेशक के पास है तो आपके पास कंपनी की सबसे अधिक ownership होगी।
कंपनी के प्रमोटर्स कौन होते हैं?
जो लोग कंपनी को शुरू करते समय उसमें पैसे इन्वेस्ट करते हैं उन्हें कंपनी के प्रमोटर्स भी कहा जाता है और जो पैसा वे लोग कंपनी को शुरू करते समय लगाते हैं उसे equity capital कहा जाता है।
मान लो कोई व्यक्ति 50 लाख रूपये से अपने कंपनी को शुरू करते हैं और उसमें से 30 लाख रुपये खुद लगाता है और 20 लाख रुपये लोन लिया है। तो जो पैसा उसने खुद से लगाया है उसे euity capital कहेंगे यानी 30 लाख रुपये euity capital होगा।
अभी तक आप equity के definition और मतलब को अच्छे से समझ गए होंगे, वैसे भी अगर आप शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो इक्विटी को समझना आपके लिए काफी जरुरी है।
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हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके सवाल Equity क्या होता है? (Equity Meaning in Share Market in Hindi) इसका जवाब आपको आसानी से मिल गया होगा।
FAQ
Ans: जो भी व्यक्ति कंपनी के शेयर को खरीदता है और उसमें इन्वेस्ट करता है उन्हें कंपनी के शेयरधारक कहते हैं। जैसे की कोई रिटेल निवेशक, म्यूच्यूअल फण्ड, और कंपनी इन्हें कंपनी के शेयरधारक या निवेशक कहा जाता है।
Ans: जी नहीं, इक्विटी और ट्रेडिंग में कोई अंतर् नहीं है दोनों एक ही चीज है। आप जब भी किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो उसे इक्विटी ही कहा जाता है।
Ans: जब आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते हैं और वह म्यूच्यूअल फण्ड शेयर मार्किट में लिस्टेड कंपनियों में इन्वेस्ट करता है तो इसे इक्विटी फण्ड कहते हैं। जब आप अपना पैसा किसी डेब्ट फण्ड जैसे की कंपनी के बॉन्ड, गवरमेंट बॉन्ड, और प्राइवेट बॉन्ड में इनवस्ट करते हैं तो उसे डेब्ट फण्ड कहा जाता है।

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.